नि:शुल्क राशन योजना का अभिनंदन | Welcoming the free ration scheme
नेतृत्व और नैतिकता | Published: | 1 min read
भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत में 800 मिलियन (80 करोड़) लोगों के लिए मुफ्त राशन योजना को नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा की। सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के समाधान के रूप में अप्रैल 2020 में दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह योजना आरंभ की थी।
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30 जून, 2020
आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, बैंगलुरु, भारत
भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत में 800 मिलियन (80 करोड़) लोगों के लिए मुफ्त राशन योजना को नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा की। सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के समाधान के रूप में अप्रैल 2020 में दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह योजना आरंभ की थी।
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने योजना के बढ़ाए जाने का स्वागत करते हुए विश्वास जताया कि इससे लोगों में आत्मविश्वास जगेगा और भुखमरी का भय समाप्त होगा। मार्च 2020 में लॉकडाउन आरंभ होने एवं उसके पश्चात कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपायों के कारण दिहाड़ी मजदूरों को अब भुखमरी की एक अतिरिक्त चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
I welcome the decision of PM @narendramodi to extend the free ration scheme for 80 crore people. This welfare measure not only evokes confidence but also eliminates the fear of starvation, which had gripped the country. I congratulate PM for taking such a historical measure.
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) June 30, 2020
भाषांतरित ट्वीट –
मैं, 80 करोड़ लोगों के लिए नि:शुल्क राशन वितरण योजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी @narendramodi के निर्णय का स्वागत करता हूँ। यह कल्याणकारी उपाय मजदूरों का न केवल आत्मविश्वास बढ़ाएगा बल्कि भुखमरी के भय को भी समाप्त करेगा। इससे देश एकजुट हो कर रहेगा। ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए मैं प्रधानमंत्री को बधाई देता हूँ।
आर्ट ऑफ लिविंग और IAHV ने इस चुनौती से निपटने के लिए सबसे पहले कदम उठाए हैं, और हजारों जरूरतमंदों को नि:शुल्क राशन एवं पका हुआ ताजा भोजन उपलब्ध कराया है। 13 मई तक, 75 मिलियन (7.5 करोड़) से अधिक भोजन वितरित किए गए, जिससे अकेले भारत में 2.5 मिलियन (25 लाख) से अधिक परिवारों का पेट भरा।
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