नेपाल भूकंप में राहत कार्य | Nepal Earthquake Relief Efforts
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आघात राहत प्रयास
ग्यारहवें दिन
राहत सामग्री के साथ पहला स्वयंसेवकों का दल सुबह तीन बजे सिंधुपाल चौक जिला के लिए रवाना हुआ, जो कि अपने साथ चावल, कंबल, दवाईयाँ और सफाई का सामान लेकर गये और बाद में दूसरा दल सिंधुपाल चौक के दूसरे क्षेत्र के लिए रवाना हुआ। उन्होनें भूकंप पीड़ित लोगों को टेंट/तम्बू व भोजन देकर राहत प्रदान की तथा आपदा से राहत पाने के सत्र लिए। स्वयंसेवक प्रात: काल में टेंट/तम्बू लेकर कावरे के लिए चल पड़े।
ट्रक में टेंट/तम्बू, कंबल व दवाईयाँ भरकर धादिंग जिले में भेजी गई। वहाँ पर जीवन जीने की कला के स्वयंसेवकों का दल रुका हुआ था। स्थानीय व्यक्ति के आग्रह पर, स्वयंसेवकों का दूसरा दल धादिंग में बाँटने के लिए चावल के बोरों के साथ तथा वहाँ पर आघात से राहत दिलवाने के लिए लोगों को समझाने का सत्र लेने के लिए रवाना हुआ। लेकिन हमारा दल स्वयं पीड़ितों को चावल नहीं बाँट सका और न ही राहत सत्र ले पाया क्योंकि वह व्यक्ति जिसने आग्रह किया था कहने लगा कि वह स्वयं सबको चावल बाँट देगा लेकिन उसने सारे चावलों के बोरें गोदाम में रख दिए और उसने यह भी कहा कि लोग अभी सत्र के लिए तैयार नहीं है। वह आदमी वहाँ से भाग गया और हमारा दल कुछ भी न कर सका। हमारे राहत कार्यों में इस तरह का यह पहला मामला था।
अनाथालय से एक महिला हमारे आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र पर आई और वहाँ पर रहने वाले बच्चों के लिए दो टेंट व कुछ कंबलों के लिए प्रार्थना करने लगी, उस महिला को तुरंत ही सब सामान दे दिया गया।
एक दल काठमांडू घाटी के कीर्तिपुर गाँव में पानी की बोतलें, कंबल, तंबू और दवाईयाँ लेकर गया और वहाँ पर भी आघात राहत सत्र लिया। इसी प्रकार विभिन्न दलों ने काठमांडू घाटी के काठमांडू और भकतापुर जिले में बालाजू, बुधानीलकंठऔर थानकोट में भोजन व दवाईयाँ पहुचाकर सहायता की।
आर्ट ऑफ लिविंग के पोखरा केंद्र से ट्रक भरकर कंबल, तंबू और बच्चों के लिए भोजन भेजा गया जिसको उन्होनें गोरखा जिले में बाँटा।
बारहवां दिन
बहरीन के राजकुमार विशेष यात्रा करके स्वयं राहत सामग्री लेकर नेपाल पहुँचे। उनकी श्री श्री के लिए गहरी आस्था व सम्मान है, इसलिए उन्होंने वह सब राहत सामग्री आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से वितरित की। उन्होंने मातृत्व अस्पताल, पाटन अस्पताल और बसंतापुर का काठमांडू में दौरा किया तथा तंबू, भोजन, पानी व कंबल वितरित करवाए। कई क्षेत्रों में आई ए एच वी के निदेशकों द्वारा आघात राहत सत्र भी करवाए गए।
काठमांडू की ब्योम कुसुम संस्था ने राहत शिविरों के लिए भोजन की माँग की जो कि इस संस्था द्वारा आयोजित थे, उनको भी सीधे ही सहायता दे दी गई।
काठमांडू के ढोलखा जिले में आर्ट ऑफ लिविंग स्वयंसेवकों के दल में से एक सदस्य राहत सामग्री एकत्र कर रहा था। उसने ३०० तंबू और ८०० कंबल पाँच ग्राम विकास समितियों में बाँटने के लिए इकट्ठे किये। यह दल विभिन्न स्थानों पर, जहाँ जहाँ भी राहत सामग्री पहुँचा रहे थे, साथ ही साथ आघात राहत सत्र भी ले रहे थे। ढोलखा के अलग अलग क्षेत्रों में तंबू व पोहा बाँटा गया।
उपरेती समाज ने नुवाकोट जिले में राहत सामग्री बाँटने का कार्य आयोजित किया। हमारे दल के स्वयंसेवक भी उनके साथ गए तथा राहत कार्य किए।
आई ए एच वी (IAHV) के निर्देशक के साथ आयोजकों का दल नवें दिन कावरे जिले का दौरा करने गया था, वही दल व निदेशक दोबारा आस पास के गांवों में राहत सामग्री के साथ गये। आर्ट ऑफ लिविंग ने उनको तंबू और चावल के बोरें दिए तथा आघात राहत कार्यक्रम भी किया।
आर्ट ऑफ लिविंग बीरगंज की एक दूसरी टीम ने धादिंग में रुककर राहत सामग्री बांटीऔर आघात राहत कार्य किये।
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