इराक में शांति बहाली के लिए गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने संघर्ष क्षेत्र में कदम रखा | Gurudev ventures into conflict zone to pitch for peace in Iraq
आध्यात्मिकता और मानवीय मूल्य | Published: | 2 min read
प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने कुर्दिस्तान के एरबिल जो कि इराक का बेहद हिंसा प्रभावित क्षेत्र है, में गुरुवार को एक शांति सम्मेलन को संबोधित करते हुए मध्य पूर्व के संघर्ष क्षेत्र में शांति का आह्वान किया। सह-अस्तित्व, करुणा और शांति के लिए प्रतिबद्धता की बात करते हुए श्री श्री ने कहा, “सामान्यत: जहां शांति है वहीं शांति सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। पर मैं संघर्ष के बीच ये सम्मेलन करना चाहता था।”
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बैंगलोर
21 नवंबर 2014
प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने कुर्दिस्तान के एरबिल जो कि इराक का बेहद हिंसा प्रभावित क्षेत्र है, में गुरुवार को एक शांति सम्मेलन को संबोधित करते हुए मध्य पूर्व के संघर्ष क्षेत्र में शांति का आह्वान किया। सह-अस्तित्व, करुणा और शांति के लिए प्रतिबद्धता की बात करते हुए श्री श्री ने कहा, “सामान्यत: जहां शांति है वहीं शांति सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। पर मैं संघर्ष के बीच ये सम्मेलन करना चाहता था।”
उन्होंने सैकड़ों विस्थापित ईसाइयों, कुर्द और अरबों को सांत्वना देने के लिए एरबिल के पास राहत शिविरों का दौरा किया। आर्ट ऑफ़ लिविंग की सहयोगी संस्था, इंटरनेशनल एसोसिएशन फ़ॉर ह्यूमन वैल्यूज़ कुछ अन्य एनजीओ के साथ मिल कर इराक में राहत सामग्री पहुँचाने का कार्य कर रही है। संस्था ने अन्य एनजीओ के साथ मिल कर 110 टन से अधिक खाद्य आपूर्ति एकत्र कर सिंजर पहाड़ों पर यजीदी शरणार्थियों को वितरित किया है।
इराक में अपनी इस तीसरी यात्रा के दौरान गुरुदेव श्री श्री,विभिन्न नेताओं को शांति के लिए विचार-विमर्श करने हेतु एक साझे मंच पर लाते दिखे। उन्होंने कुर्दिश संसद को भी संबोधित किया और इराकी कुर्दिस्तान के अध्यक्ष/ स्पीकर डॉ. यूसिफ मुहम्मद सादिक तथा वरिष्ठ यज़ीदी नेता एवं एरबिल सरकार के सलाहकार डॉ. मिर्ज़ा दीनाई से मुलाकात की। इराक के खेल एवं युवा मंत्री श्री अब्दुल हुसैन अबटन, आध्यात्मिक नेता श्रीश्री से मिलने के लिए हवाई मार्ग से बगदाद पधारे। मुलाकात के दौरान उन्होंने संगठन के स्वयंसेवकों की कड़ी मेहनत की सराहना की।
इंटरनेशनल एसोसिएशन फ़ॉर ह्यूमन वैल्यूज़ (IAHV) द्वारा आयोजित शांति सम्मेलन जिसका शीर्षक “महिलाओं की रक्षा एवं शांति तथा स्थिरता लाना” था, को संबोधित करते हुए श्रीश्री ने कुर्द कोबानी महिला सेनानी, जेयन हल्दन को सम्मानित किया।
गुरुदेव श्रीश्री ने कहा, “काली ताकतें संसार में संघर्ष और बरबादी का निर्माण कर रही हैं। 21वीं सदी में लोग हमें अंधकार युग में वापस खींचना चाहते हैं।” उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन, शांति के लिए कुछ करने वाले प्रतिभागियों में स्पष्टता, संप्रेषणीयता एवं प्रतिबद्धता का संचार करेगा।
“कुर्दिस्तान संस्कृति का एक गुलदस्ता है और हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए। यज़ीदी और शबद जो कि उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है।“ इसके आगे उन्होंने कहा कि “सह-अस्तित्व सृष्टि की दिव्य अभिकल्पना है!”
जो युवा अभी तक इस प्रकार की चरम विचारधाराओं में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें इस प्रकार की अतिवादिता / कट्टरता की निरर्थकता के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए श्रीश्री ने कहा कि “जो लोग हिंसा को एक मार्ग मानते हैं, हम उन्हें स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि – वे गलत हैं।”
इससे पहले श्रीश्री ने सिंजर पहाड़ों में बनाए गए एक राहत शिविर में कैदियों के साथ बातचीत की और उनकी दुर्दशा को सुना। उन्होंने कहा कि “हम शिविरों में उनकी भाषा तो नहीं बोल सके, परंतु हमारे मध्य संवाद हुआ। हमने उनकी पीड़ा महसूस की।“
महीनों से अमानवीय परिस्थितियों में जी रहे कैदियों को सांत्वना देते हुए गुरुदेव श्रीश्री ने कहा कि “शीघ्र ही आपका जीवन पटरी पर आ जाएगा। यह जान लें कि आप अकेले नहीं हैं, इस धरती पर ढेर सारे अच्छे लोग आपके साथ हैं।”
इससे पहले आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने यूरोप, अमेरिका और भारत सरकार से इराक के सिंजर पर्वत में फंसे हजारों यज़ीदियों को बचाने की अपील की थी।
इराक में आईएसआईएस विद्रोह के शुरुआती चरणों में 1.5 मिलियन से अधिक इराकी अपनी सुरक्षा के लिए आंतरिक रूप से विस्थापित होने या सीमाओं के पार भागने पर मजबूर हो गए थे। आर्ट ऑफ लिविंग और आर्ट ऑफ लिविंग की एक अन्य सहयाकगी संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज शरणार्थियों और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) को राहत पहुँचाने के लिए काम कर रहे हैं। एरबिल में अपने आधारभूत कार्यालय से इस दल ने भोजन, पानी और स्वच्छता उत्पादों के रूप में लोगों को राहत पहुँचाई है और 2,000 से अधिक परिवारों तक अपनी पहुंच बनाई है।
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