'श्वांस और पर्यावरण' | ‘Breath and Environment’
आध्यात्मिकता और मानवीय मूल्य | Published: | 1 min read
जैसे मैं अपने शरीर की देखभाल करता हूँ उसी प्रकार मुझे अपने पर्यावरण की देखभाल भी करनी होगी। जब हम रोजमर्रा के तनावों से स्वयं को मुक्त कर लेते हैं तब पर्यावरण के प्रति ध्यान स्वाभाविक हो जाता है।”
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15 नवंबर, 2019
रोम, इटली
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने रोम में ‘श्वांस और पर्यावरण’ पर एक जन समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने ट्वीट किया, ” पर्यावरण हमारे शरीर का विस्तार है। जिस प्रकार हम अपने शरीर की देखभाल करते हैं उसी प्रकार हमें अपने पर्यावरण की भी देखभाल करने की आवश्यकता है।”
यात्रा के दौरान उन्होंने समझाया कि किस प्रकार की प्रवृत्ति हमें वास्तव में पर्यावरण संरक्षण के प्रति कार्य के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा, “ पर्यावरण के विषय में सभी जगह बहुत कुछ बोला जा रहा है। जब आप पर्यावरण के प्रति भीतर से कोई भाव नहीं रखते हैं तो किस प्रकार आप पर्यावरण की परवाह करेंगे? जैसे मैं अपने शरीर की देखभाल करता हूँ उसी प्रकार मुझे अपने पर्यावरण की देखभाल भी करनी होगी। जब हम रोजमर्रा के तनावों से स्वयं को मुक्त कर लेते हैं तब पर्यावरण के प्रति ध्यान स्वाभाविक हो जाता है।”
Environment is an extension of the physical body. Like we take care of our body, we need to take care of our environment.
Gave a public talk on 'Breath and the Environment' in Rome. pic.twitter.com/aZOESVyQ5y
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) November 15, 2019
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