गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने कावेरी नदी पुनर्जीवन परियोजना आरंभ की | Gurudev Sri Sri Ravi Shankar launches Cauvery River Rejuvenation Project
सेवा और सामाजिक कार्यक्रम | Published: | 1 min read
महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में 35 से अधिक नदियों और सहायक नदियों के लिए पुनर्जीवन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के बाद, कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज (आरडीपीआर) विभाग के साथ आर्ट ऑफ़ लिविंग ने कोडागु में कावेरी नदी पुनर्जीवन परियोजना शुरू की। इस परियोजना के प्रथम चरण में 10 ग्राम पंचायत के 1.5 लाख लोगों को लाभ होने की उम्मीद है।
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मार्च २७, २०१८
भागमंडल, कर्नाटक
महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में 35 से अधिक नदियों और सहायक नदियों के लिए पुनर्जीवन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के बाद, कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज (आरडीपीआर) विभाग के साथ आर्ट ऑफ़ लिविंग ने कोडागु में कावेरी नदी पुनर्जीवन परियोजना शुरू की। इस परियोजना के प्रथम चरण में 10 ग्राम पंचायत के 1.5 लाख लोगों को लाभ होने की उम्मीद है।
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने भागमंडल में जहाँ नदी का उगमस्थान है, वहां उदघाटन के अवसर पर बोलते हुए कहा “सरकार और आम समाज दोनों को मिलकर नदियों की रक्षा करनी चाहिए,” गुरुदेव ने स्थानीय लोगों को उपयुक्त पेड़ लगाकर नदी के जलग्रहण क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नदी की धाराओं के बहाव के लिए सबसे छोटी इकाई की सफाई भी जरुरी है तथा इन क्षेत्रों में बड़े संरचनाओं के निर्माण कार्य से बचना आवश्यक है।
उनके साथ मैसूर एवं कुर्ग के सांसद और कूर्ग के सांसद श्री प्रताप सिम्हा और विराजपेट के विधायक केजी बोपैया भी शामिल हुए। सांसद ने परियोजना के लिए अपना पूर्ण समर्थन दोहराते हुए कहा, “कोडागु एक पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता है और मैं आर्ट ऑफ लिविंग की इस महत्वपूर्ण पहल का स्वागत करता हूं, इसके साथ हम पर्यावरणीय संतुलन भी वापस ले आएंगे।”
आर्ट ऑफ लिविंग इसरो (ISRO), आईआईएससी (IIMC), जियोटेक्निकल ग्रुप और आईटी ग्रुप के जलविज्ञानी और विशेषज्ञों की एक टीम के साथ काम कर रहा है, जिन्होंने एक व्यापक वाटरशेड मैनेजमेंट प्रोग्राम तैयार किया है। वे बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे और परियोजना के कार्यान्वयन के लिए ध्यान कार्यक्रम, कौशल विकास और नेतृत्व प्रशिक्षण जैसे क्षमता निर्माण उपायों के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को जुटाएंगे। पहले चरण में जिले भर में 751 जल पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण होगा।
कर्नाटक और तमिलनाडु के अधिकांश जिलें सिंचाई के लिए कावेरी जल पर निर्भर है, और बेंगलुरु को इस नदी से अधिकांश पानी की आपूर्ति होती है, परियोजना के निदेशकों को उम्मीद है कि यह समाधान उन राज्यों में अधिक पानी उपलब्ध कराने में मदद करेगा जहां कावेरी का जल वितरण जटिल हो गया है।
कौशिक और नोय्यल सहायक नदियों में कावेरी बेसिन पुनर्जीवन गतिविधियों को आर्ट ऑफ लिविंग, तमिलनाडु ने पहले ही शुरू कर दिया है। कर्नाटक में कुमुदवती और वेदवती कायाकल्प परियोजनाएं 2 मिलियन लोगों को लाभान्वित कर रही हैं। चिकमंगलूर के एक किसान नाग गौड़ा कहते हैं, ” मैं अब सुपारी और सब्जियां उगाने से 1.5 से 2.5 लाख रुपये कमा लेता हूं। इससे पहले, पानी की कमी के कारण, मैं रागी और मूंगफली उगाता था, जिससे मुझे केवल 20,000 से 30,000 रूपये ही प्राप्त होते थे।
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