आर्ट ऑफ लिविंग के ड्रग फ्री इंडिया अभियान की शुरुआत | Launch of Art of Living’s Drug Free India Campaign

सेवा और सामाजिक कार्यक्रम | Published: | 2 min read


आर्ट ऑफ लिविंग के ड्रग फ्री इंडिया अभियान की शुरुआत | Launch of Art of Living’s Drug Free India Campaign  

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का मैदान सोमवार की हल्की बारिश से भीगी सुबह में "ना करूंगा ना करने दूंगा" (Will Not (Do Drugs) And Will Not Let Anyone Do It) के उद्घोष से गूंज उठा, जहां 25000 छात्र; नशा मुक्त भारत अभियान के शुरुआत का हिस्सा बने। यह अभियान नशामुक्ति की दिशा में आर्ट ऑफ लिविंग के अनेक उपक्रमों में से एक है।

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चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के मैदान में 25000 कॉलेज के छात्रों ने भाग लिया, और पूरे भारत के 12000 कॉलेज इसमें लाइव वेबकास्ट के माध्यम से शामिल हुए।

फरवरी 18, 2019
चंडीगढ़

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का मैदान सोमवार की हल्की बारिश से भीगी सुबह में  “ना करूंगा ना करने दूंगा” (Will Not (Do Drugs) And Will Not Let Anyone Do It) के उद्घोष से गूंज उठा, जहां 25000 छात्र; नशा मुक्त भारत अभियान के शुरुआत का हिस्सा बने। यह अभियान नशामुक्ति की दिशा में आर्ट ऑफ लिविंग के अनेक उपक्रमों में से एक है।

Drug Free India Chandigarh aerial view

राष्ट्रव्यापी ड्रग फ्री इंडिया अभियान का शुभारम्भ गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त, रैपर-
गीतकार बादशाह, कॉमेडियन कपिल शर्मा, लोकप्रिय पंजाबी लोक गायक गुरदास मान और पंजाब के राज्यपाल माननीय वी .पी. सिंह बदनोर की उपस्थिति में हुआ।

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि – “हमने आज यहां जो मुद्दा उठाया है, उसे आज देश के लिए संबोधित करना बहुत जरूरी है। हमें इस देश के युवाओं को मजबूत करने की जरूरत है और जो भी
इस (ताकत) को कमजोर कर रहा है उसे अवरुद्ध करने की जरूरत है। ड्रग्स एक इसी प्रकार की बाधा है,”
“लोग ड्रग्स में डूब जाते हैं क्योंकि वे खुशी, मजे और प्यार की तलाश में हैं। बस, हमारे साथ आओ, हम आपको एक उच्चकोटि का अनुभव देंगे जो कभी भी कम नहीं होगा। अन्तरंग का अनुभव ही सच्चा प्यार और खुशी दे सकता है। ”

Drug Free India Chandigarh Gurudev Sri Sri Ravi Shankar speech

लोग ड्रग्स में डूब जाते हैं क्योंकि वे… Share on X

जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाते हुए, श्री श्री ने 10 मार्च को भारतीय शहरों और गांवों में वॉकथॉन
(walkathon) की घोषणा की, जिससे जागरूकता बढ़ाने और समुदायों को ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में जुटने के लिए बल मिलेगा।

अभिनेता संजय दत्त ने भी नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई के बारे में साझा किया, “एक बार मैं बहुत ही बुरी स्थिति में था। मेरे मुंह से, नाक से खून बह रहा था। मैंने दो दिनों से खाना नहीं खाया था। मैं खुद को आईने में देख कर घबरा रहा था। मैंने अपने पिता से कहा, मुझे मदद की ज़रूरत है। मैं सौभाग्यशाली था कि मैं अमेरिका में पुनर्वसन के लिए जा सका। मैं 2 साल के लिए वहां पर था। ”

Drug Free India Chandigarh Sanjay Dutt speech

दत्त ने बताया – अमरीका से वापिस आने पर, कि फिर वही ड्रग्स बेचने वाला उसके पास नए ड्रग्स के साथ
आया, जिसे वह उसको मुफ्त में देना चाहता था। दत्त ने कहा, उसके पास यह फैसला करने के लिए एक सेकंड था कि इसे फिर से लेना है या नहीं। दत्त ने कहा, “यह सब तय करने के लिए एक सेकंड लगा कि मैं जीवन भर ड्रग्स नहीं लूंगा।”

12,000 से अधिक कॉलेज देश भर से लाइव वेबकास्ट के माध्यम से ड्रग्स के खिलाफ अभियान में शामिल हुए। लोकप्रिय रैपर-गीतकार बादशाह ने युवाओं को व्यसनों से दूर रहने के तरीके के रूप में अपने जीवन के लक्ष्य को खोजने के लिए प्रोत्साहित किया।

Drug Free India Chandigarh Sanjay Dutt speech

बादशाह ने कहा, “पंजाब के युवा शक्तिशाली हैं। आज उनमें से लगभग 70% ड्रग्स लेते हैं। 2 दिनों में, 1 करोड़ से अधिक छात्र ड्रग्स के खिलाफ लड़ने जा रहे हैं। आप और मुझ जैसे लोग लड़ने जा रहे हैं। मैंने उन्हें (ड्रग्स) कभी नहीं लिया। कॉलेज में मेरा एक दोस्त था। वह मेरे मुकाबले रैपर के रूप में 10 गुना बेहतर था। उसने कहा था उसे ड्रग्स बेहतर लिखने में मदद करते थे। लेकिन वह अब जीवित नहीं है। ”

बादशाह ने कहा, मैंने संगीत में अपनी आंतरिक ख़ुशी पा ली। आप अपनी आंतरिक ख़ुशी खोजें; क्योंकि आप भविष्य हैं, इस देश की ताकत हैं।

Drug Free India Chandigarh Kapil Sharma speech

इस पहल का एक अंग SWAT (सोशल वेलनेस एंड अवेयरनेस ट्रेनिंग) क्लबों का गठन करना भी है, जो कॉलेज परिसरों में खोले गए हैं, जिनमें छात्र, शिक्षक, डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जो पूरे साल नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएंगे और प्रतिबंधात्मक हस्तक्षेप का आयोजन करेंगे जिससे युवाओं को ड्रग्स बिलकुल मिले ही नहीं।

अतीत में, द आर्ट ऑफ़ लिविंग ने प्रमुख नशामुक्ति और उपचार केंद्र जैसे पी.जी.आई.एम.ई.आर (PGIMER), और चंडीगढ़ में सरकारी बहु-विशिष्ट अस्पताल और लुधियाना, फरीदकोट और अमृतसर में मेडिकल कॉलेजों के साथ सहयोग किया है। इनके साथ कैदियों के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग का नशामुक्ति व हस्तक्षेप कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसका व्यसनों और इसके परिणामों से उबरने में उत्साहजनक परिणाम सामने आये हैं।

Drug Free India Chandigarh All Dignitaries with Governor V.P Singh Badnore

पंजाब के राज्यपाल माननीय वीपी सिंह बदनोर ने हाथ जोड़ कर उपस्थित छात्रों से निवेदन किया कि वह एक दूसरे का ध्यान रखें और अपने मित्रों और परिवारजनों का भी, जो शायद कभी असामान्य रूप से व्यवहार कर रहे हों, हो सकता है कि उन्हें ड्रग्स की लत लग गयी हो और उन्हें मदद की आवश्यकता हो।

ड्रग्स के खिलाफ, ड्रग फ़्री इंडिया आंदोलन का पहले ही सोशल मीडिया पर तूफान उठा हुआ है, जिसमें फिल्मों, खेल कूद, राजनीति और व्यवसाय के क्षेत्र से 90 से अधिक प्रतिष्ठित हस्तियों ने अभियान के लिए अपना समर्थन दिया है।

अभियान का दूसरा चरण मंगलवार 19 फरवरी को गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा में हरियाणा सरकार के सहयोग से शुरू किया जाएगा।

आर्ट ऑफ लिविंग के नशामुक्ति के कार्य की मुख्य विशेषताएं।

  • पंजाब के 80 गाँवों के लगभग 25000 नशेड़ी लोगों ने नशा मुक्ति के उद्देश्य से आर्ट ऑफ़ लिविंग के कार्यक्रमों में भाग लिया और छह महीने से अधिक समय तक नियमित रूप से पालन किया।
  • बेंगलुरु और कोलकाता के नशामुक्ति केंद्रों में 3000 से अधिक नशेड़ी लोगों को नशा मुक्त करके उनका जीवन बदल दिया और 2 लाख से अधिक लोगों में नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता पैदा की।
  • AIIMS के सहयोग से चार राज्यों के 1000 स्कूलों में ड्रग-यूज़ सेंसिटाइज़ेशन वर्कशॉप का आयोजन किया, जहाँ मुख्याध्यापक, शिक्षक, नीति निर्माताओं और प्रशासकों को ड्रग्स के इस्तेमाल को रोकने के बारे में जागरूक किया गया। यह कार्यक्रम ड्रग्स निवारक रणनीतियों, जीवन कौशल कार्यक्रमों और आर्ट ऑफ लिविंग के यूथ एम्पावरमेंट सेमिनारों को नशीली दवाओं के उपयोग में एक सुरक्षात्मक अवरोध के रूप में पेश करता है।
  • मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने, अभियानों में भाग लेने और समर्थन करने के लिए समुदायों को तैयार किया। उदाहरणतः, चंडीगढ़ के अन्य गैर-सरकारी संगठनों और प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ मिलकर द आर्ट ऑफ लिविंग ने टाइपराइटर सुधार द्रव्य (टाइपराइटर करेक्शन लिक्विड) के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की। हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस द्रव्य के उत्पादन, बिक्री या संचयन पर प्रतिबंध जारी करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर जोर दिया।
  • करेली में आर्ट ऑफ लिविंग से प्रेरित होकर, महिलाएं अपने गांव में शराब और उसकी अवैध बिक्री से छुटकारा पाने के लिए हर दिन शाम आठ बजे तक शराब की दुकान के बाहर बैठी रहती थीं। आखिरकार अधिकारियों ने घुटने टेक दिए और उनकी बात मान ली।
  • मराठवाड़ा में 5500 प्रतिभागियों ने युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया जिसका मुख्य उद्देश्य नशामुक्ति था। इसमें 2500 से अधिक नशामुक्त हैं, 50 स्थानीय स्तर पर आधिकारिक पदों में कार्यरत हैं और एक “नगराध्यक्ष” के रूप में चुने गए हैं।

Drug Free India Chandigarh - with crowd

Drug Free India Chandigarh - crowd

Drug Free India Chandigarh - crowd more

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