ऊरल संघीय विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट के सम्मान से विभूषित | Honorary Doctorate By Ural Federal University
नेतृत्व और नैतिकता | Published: | 1 min read
"वह शिक्षा ही है जो इस दुनिया के हर कोने में एक खुशहाल समाज के लिए जरूरी है, चाहे वह प्रौद्योगिकी, कला या विज्ञान या मानविकी हो. यह विश्वविद्यालय हैं जो हमें एक सार्वभौमिक दृष्टि प्रदान करते हैं, जीवन के प्रति दृष्टिकोण, एक व्यक्ति के जीवन का संचालन कैसे किया जाना चाहिए,इत्यादि। "
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श्री श्री रविशंकर जी, ऊरल संघीय विश्वविद्यालय (रूस के सबसे बड़े शैक्षिक संस्थानों में से एक), द्वारा डॉक्टरेट के सम्मान से विभूषित
27 जून 2019,
येकातेरिनबर्ग, रूस
वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक नेता, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी को भारत गणतंत्र व रूसी संघ के अंतर-सांस्कृतिक मैत्री के विकास में अपने योगदान के लिए, उरल संघीय विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट के सम्मान से सम्मानित किया गया। यह विश्वविद्यालय रूस के सबसे बड़े शैक्षिक संस्थानों में से एक है, जिसका नाम रुस के पहले राष्ट्रपति बी.एन.येल्तसिन पर आधारित है।
Received an honorary doctorate from the @Ural_Federal University, the second largest university of Russia, named after President Yeltsin. The university is celebrating 100 years of existence next year.
Also signed an MOU on behalf of Sri Sri University @SriSriU pic.twitter.com/jEDLnUXRxQ
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) June 25, 2019
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने अपने संबोधन में एक ऐसी शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया जो कि समावेशी और मानवीय हो। गुरुदेव ने कहा, “वह शिक्षा ही है जो इस दुनिया के हर कोने में एक खुशहाल समाज के लिए जरूरी है,चाहे वह प्रौद्योगिकी, कला या विज्ञान या मानविकी हो. यह विश्वविद्यालय हैं जो हमें एक सार्वभौमिक दृष्टि प्रदान करते हैं,जीवन के प्रति दृष्टिकोण, एक व्यक्ति के जीवन का संचालन कैसे किया जाना चाहिए,इत्यादि। हमारे पास जीवन को जोड़ने के लिए तकनीक है, लेकिन हमें ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जो दिलों को भी जोड़ती है, जहाँ मानवीय मूल्यों को महत्व दिया जाता है।”
ऊरल फेडरल यूनिवर्सिटी के रेक्टर, विक्टर कोकश्रोव ने सराहना की, कि द आर्ट ऑफ लिविंग (गुरुदेव द्वारा स्थापित) जैसा एक स्वयंसेवी संगठन, 80,000 बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए 618 स्कूल चला रहा है।
गुरुदेव ने छात्रों को तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए अपने दैनिक दिनचर्या में योग, गहरी साँस लेने की तकनीक और ध्यान को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
दोनों संस्थानों के बीच ज्ञान और कौशल प्रशिक्षण के सकारात्मक आदान-प्रदान के कारण को आगे बढ़ाते हुए, गुरुदेव ने ऊरल संघीय विश्वविद्यालय और उड़ीसा के श्री श्री विश्वविद्यालय (गुरुदेव की परिकल्पना के भारत के पहले व्यसन मुक्त कैंपस) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें विश्वविद्यालय के रेक्टर, विक्टर कोकश्रोव विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल थे।
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