गुरुदेव पेरिस में फ़्रांसीसी संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे | Gurudev to address both houses of French Parliament
नेतृत्व और नैतिकता | Published: | 1 min read
भारतीय आध्यात्मिक प्रणेता गुरुदेव श्री श्री रवि शंकरजी , जिनके विश्व शान्ति के पैगाम संघर्षशील राष्ट्रों के लिए इनायत बरसा रहे हैं; पेरिस में फ़्रांसीसी संसद के सदस्यों को संबोधित करेंगे। ज्ञातव्य है कि पेरिस गत वर्ष कायरता एवं बर्बरतापूर्ण आतंकी हमलों का शिकार रहा।
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भारतीय आध्यात्मिक प्रणेता गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी , जिनके विश्व शान्ति के पैगाम संघर्षशील राष्ट्रों के लिए इनायत बरसा रहे हैं; पेरिस में फ़्रांसीसी संसद के सदस्यों को संबोधित करेंगे। ज्ञातव्य है कि पेरिस गत वर्ष कायरता एवं बर्बरतापूर्ण आतंकी हमलों का शिकार रहा।
अक्टूबर १७, २०१६
बेंगलुरु, भारत
भारत-फ्रांस संसदीय समूह के अध्यक्ष श्री पॉल गियाकोबी एवं भारत-फ्रांस सीनेटर समूह के अध्यक्ष श्री फ्रांस्वा मार्क के आग्रह पर गुरुदेव फ्रांस के राष्ट्रीय सभा एवं सीनेट के सदस्यगणों को क्रमशः १८ एवं १९ अक्टूबर को संबोधित करेंगे। यह अभिभाषण विवाद-निराकरण, अंतर-इकबालिया तथा अंतर-सांस्कृतिक संवादों जैसे मुद्दों पर केन्द्रित रहेगा। सत्रों के पश्चात गुरुदेव फ्रांसीसी सांसदों के प्रश्नों का उत्तर देंगे। यह पहली बार है कि फ़्रांसीसी संसद के दोनों सदनों को कोई भारतीय संबोधित करेंगे।
आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन (ओ.ई.सी.डी.), जो कि विश्व की सबसे शक्तिशाली राजनितिक एवं आर्थिक मंचों में से एक है, उसके विशेषज्ञों और देश-प्रतिनिधियों के लिए गुरुदेव “एक वैश्वीकृत और सतत अर्थव्यवस्था के लिए आचार नीति”, विषय पर आधार व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।
गुरुदेव का १८ अक्टूबर का संसदीय संबोधन पेरिस के लिए ख़ास महत्व रखती है क्योंकि यह दूसरे पश्चिमी राष्ट्रों की तरह इस्लामिक स्टेट के आतंकी हमलों को रोकने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। गत वर्ष आई.एस. आतंकियों ने गत नवम्बर फ्रासिसी राजधानी में बर्बरतापूर्ण हमले कर १३० लोगों की हत्या की थी तथा हज़ारों को घायल किया था।
इस साल मई में ब्रिटिश प्रधान मंत्री डेविड कैमरून ने गुरुदेव को लन्दन के हाउस ऑफ़ कॉमन्स को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था। इसके पहले गुरुदेव यूरोप एवं अफ्रीका के सांसदों को भी संबोधित कर चुके हैं।
सर्जेई मिश्नोड, कार्यपालक निर्देशक, आर्ट ऑफ़ लिविंग फ्रांस का मानना है “गुरुदेव द्वारा फ्रांस में किये गए आधार कार्य फ्रांस की तात्कालिक समस्याओं जैसे सामाजिक एकीकरण के लिए ठोस समाधान प्रदान करता है। सिर्फ यह तथ्य कि संसद के दोनों सदन श्री श्री का फ्रांस की वर्तमान समस्याओं पर व्यक्तव्य को सुनने के लिए उत्सुक हैं, एक मजबूत संकेत देता है कि सांसदगण शांति और सद्भाव की दिशा में समाधान दूंढ रहे हैं। एक राजनीतिक जनादेश के बिना किसी आध्यात्मिक नेता की अगवाई करना भारत की सॉफ्ट पावर की क्षमता को दर्शाता है। ”
आर्ट ऑफ लिविंग फ्रांस में कई दशकों से सक्रिय है। इसके युवा नेतृत्व कार्यक्रम ने पेरिस के उपनगरों के भटके युवाओं को उनकी जिंदगी एवं आजीविका फिर से संवारने में नितांत सहायक रही है। आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा कराये गए योग एवं ध्यान के कार्यक्रमों की बदौलत फ्रांस के बंदीगृहों के दिग्भ्रमित युवाओं में भी एक सकारात्मक ऊर्जा का आविर्भाव हुआ है जिसे प्रशासन से काफी सराहा है।
पेरिस के पश्चात गुरुदेव को पोलैंड, स्वीडेन एवं नॉर्वे में सार्वजनिक कार्यक्रमों में संबोधन करना है। २३ अक्टूबर २०१६ को गुरुदेव को नार्वे के संसद के शांति सम्मलेन, जिसकी मेजबानी संसद सदस्य श्रीमती सिल्व ग्रैहम कर रही हैं, में आधार व्याख्यान प्रस्तुत करना है।
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