नवोन्मेष में नैतिकता - विज्ञान के साथ अध्यात्म का साझा मंच | Ethics in Innovation - Spirituality shares a dais with Science
नेतृत्व और नैतिकता | Published: | 1 min read
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के इस युग में एक मानवीय गुणों को सुनिश्चित करने के लिए म्यूनिख के जर्मन पेटेंट का कार्यालय में सोमवार को "वर्ल्ड फोरम फॉर एथिक्स इन इनोवेशन" का उद्घाटन किया गया।
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गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने म्यूनिख में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट में “वर्ल्ड फोरम फॉर एथिक्स इन इनोवेशन” सम्मेलन का उद्घाटन किया।
२७ जून,२०१७
म्यूनिख, जर्मनी
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के इस युग में एक मानवीय गुणों को सुनिश्चित करने के लिए म्यूनिख के जर्मन पेटेंट का कार्यालय में सोमवार को “वर्ल्ड फोरम फॉर एथिक्स इन इनोवेशन” का उद्घाटन किया गया।
दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण शोध संस्थानों में से एक मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट और द वर्ल्ड फोरम फॉर एथिक्स इन बिज़नेस की एक संयुक्त पहल ने इस सम्मेलन में नवाचार में नैतिक सवालों के जवाब तलाशने के लिए कई हितधारकों को एक साथ लाया।
वर्ल्ड फोरम फॉर एथिक्स इन बिजनेस के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने स्काइप के सह-संस्थापक जान तेलिन के साथ सम्मेलन का उद्घाटन किया। व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाखों लोगों की जान खतरे में डालकर नवाचार के दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए, गुरुदेव ने नवाचार में नैतिकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा “वाणिज्यिक हितों के लिए जानबूझकर जानकारी छुपाना अनैतिक कृत्य है। जब हमने एक ऐसी खोज की जो मानव जाति के लिए उपयोगी है, तो इसे हर किसी के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ”उन्होंने कहा, किसी भी नवाचार का अंतिम उद्देश्य व्यक्तिगत स्तर पर खुशी लाना है।
Gave keynote address @WFEB_global & @maxplanckpress Conference on Ethics in Innovation in Munich today. pic.twitter.com/cj568Mep9C
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) June 26, 2017
भाषांतरित ट्वीट –
आज म्यूनिख में इनोवेशन इन एथिक्स पर “वर्ल्ड फोरम फॉर एथिक्स इन इनोवेशन” @WFEB_global & मैक्स प्लैंक @maxplanckpress सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया।
जान टालिन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के साथ एकत्रित होने वाले जोखिमों के बारे में आगाह किया और इस बात पर जोर दिया कि ए आई जोखिम संबंधी अनुसंधान के लिए अधिक धन निधिकरण (वित्त पोषण) होना चाहिए। वेटिकन में पोंटिफिकल एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के चांसलर बिशप डॉo मार्सेलो सोरोंडो ने सभा को प्रकृति के साथ तारतम्य स्थापित करने हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि रचनात्मक होने के लिए, हमें केवल उस क्षमता को विकसित करने की जरूरत है जो प्रकृति में पहले से विद्यमान है।
वैश्विक विचारकों, शिक्षाविदों, व्यापार, राजनीति और गैर-सरकारी संगठनों के प्रमुख विशेषज्ञों ने चौथी औद्योगिक क्रांति के नए युग के बारे में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया, जो मानवता के लिए जरुरी है। अग्रणी वैज्ञानिकों को नवाचार में नैतिक मानकों को स्थापित करने के लिए भारतीय आध्यात्मिकता की ओर मुड़ते हुए देखा गया।
सम्मेलन में वक्ताओं की एक प्रभावशाली सूची देखि गयी जिसमें मैक्स प्लैंक सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉo फेर दी शुत; श्री जो लियन,यूरोपीय संसद के सदस्य; श्रीमती युवोन फेरी, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रीय पार्षद डॉo अशोक झुनझुनवाला, भारत सरकार के सलाहकार और विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के कई प्रोफेसर शामिल थे।
Interesting panel dicussion by the most accomplished leaders of technology & Hon Bishop from Vatican @maxplanckpress @WFEB_global pic.twitter.com/MQpWbGKCyu
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) June 26, 2017
भाषांतरित ट्वीट –
वेटिकन @maxplanckpress @FEB_global से प्रौद्योगिकी और माननीय बिशप के साथ सबसे निपुण नेताओं द्वारा दिलचस्प पैनल डिसकशन
ऐसे समय में जबकि दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में आगे बढ़ रही है। सम्मेलन ने महत्वपूर्ण सवालों के जवाबों की खोज की, उदहारण स्वरुप “क्या चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांत विकास होना चाहिए ?”, “हम इसे अधिक मानवीय कैसे बना सकते हैं ?” ,“ इस स्थिति से निपटने के लिए हमें किस प्रकार के नेतृत्व की आवश्यकता है ?” तथा बदलते समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें किस प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता है? ”
नैतिकता पर अन्य सम्मेलनों की आंशिक सूची –
- 1st World Summit On Ethics In Sports at FIFA
- Ethics in Sports Award conferred at the Second World Summit on Ethics & Leadership in Sports
- World Forum for Ethics in Business, United Nations
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