योग दिवस पर जमा देने वाला तापमान, कठिन पहाडिया, जैसी बातें भी योग प्रेमियों के लिये बाधा नही | On Yoga Day Chilling Temperatures, Tough Terrains, Conflict Fail To Bring Down The Yoga Love

संस्कृति और समारोह | Published: | 2 min read


योग दिवस पर जमा देने वाला तापमान, कठिन पहाडिया, जैसी बातें भी योग प्रेमियों के लिये बाधा नही | On Yoga Day Chilling Temperatures, Tough Terrains, Conflict Fail To Bring Down The Yoga Love  

जापान की संसद से संकटग्रस्त मध्य पूर्व, इराक, जॉर्डन और पेरु के माचु पिचु तक, सीमा के पार लाखों लोगों ने, १५० देशों से विभिन्न संस्कृति और धर्म के लोगों ने आर्ट ऑफ लिविंग के साथ ३ रा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। आर्ट ऑफ लिविंग के २५००० योग प्रशिक्षकों ने मार्गदर्शन में, पूरे विश्व के योग प्रेमियों ने भारत सरकार के कॉमन प्रोटोकॉल के साथ आसन, प्राणायाम और ध्यान करके इस अवसर को स्मरणीय बना दिया।

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१५० देश आर्ट ऑफ लिविंग के साथ ३ रा योग दिवस मनाने हेतु शामिल हुए।

बेंगलुरु, भारत
जून २१, २०१७

जापान की संसद से संकटग्रस्त मध्य पूर्व, इराक, जॉर्डन और पेरु के माचु पिचु तक, सीमा के पार लाखों लोगों ने, १५० देशों से विभिन्न संस्कृति और धर्म के लोगों ने आर्ट ऑफ लिविंग के साथ ३ रा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। आर्ट ऑफ लिविंग के २५००० योग प्रशिक्षकों ने मार्गदर्शन में, पूरे विश्व के योग प्रेमियों ने भारत सरकार के कॉमन प्रोटोकॉल के साथ आसन, प्राणायाम और ध्यान करके इस अवसर को स्मरणीय बना दिया।

इस अवसर पर –१० डिग्री सैल्शियस तापमान होने पर भी पेटेगोनिया के लोगों ने योग दिवस मनाया। इरान, ईराक, रवांडा, युक्रेन और म्यांमार जैसे देश, जो संकट से गुजर रहे हैं, ने भी लोगों ने योग से शांति अनुभव की। हर वर्ग के लोग, जिनमें राजनेता और सांसद, आर्मी और नेवी ऑफिसर, कॉर्पोरेट्स और पुलिस अधिकारी, गृहणियां, किशोर, बच्चे सभी इस उत्सव में सम्मिलित हुये। इसकी प्रशंसा पर अपने छोटे से उद्बोधन में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने कहा, ‘‘मैं विश्व भर के सभी योग टीचर्स को बधाई देता हूॅ, जिन्होंने इस अवसर को सफलतम बनाने के लिये अथक प्रयास किये हैं।‘‘

भारत के २५ राज्यों से लाखों लोगों में १५०० स्कूलों से ५००००० विद्यार्थी और ९८ जेलों के ३१५६१ कैदियां ने आर्ट ऑफ लिविंग के सामूहिक योग और ध्यान सत्र में हिस्सा लिया।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ने स्वयं ने हिमाचल प्रदेश में हजारों लोगों के साथ दो पृथक पृथक योग सत्र लिये। भारत सरकार के ओर से प्रायोजित कार्यक्रम में श्रीमती स्मृति ईरानी और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धुमल भी उपस्थित रहे। सजनपुर में एकत्रित अपार जनसमूह को संबोधित करते हुये गुरुदेव ने कहा, ‘‘जब मन व्यक्ति को नियंत्रित करता है, उसे भोग कहते हैं और जब व्यक्ति मन को नियंत्रित करता है, उसे योग कहते हैं।”

आर्ट ऑफ लिविंग योग प्रमुख कमलेश बारवाल ने बताया – ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हमारे लिये बहुत बड़ा अवसर है। हम गत ३६ वर्षों से प्रामाणिक और व्यापक योग पूरे विश्व को सीखा रहे हैं। इस तरह के योग उत्सव अनेक देशों में आयोजित हो रहे हैं, जो इस बात को बताते हैं कि योग वास्तव में सार्वभौमिक है।‘‘ उत्तर से दक्षिण में रुस से चिली, फिनलैंड और दक्षिण अफ्रिका तक और पूर्व से पश्चिम में जापान से पेरु, मंगोलिया से संयुक्त राज्य अमेरिका तक हर देश, जिनमें इरान, ओमान, बहरीन, युएई, जॉर्डन, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार और चीन ने भी इस योग उत्सव पर भागीदारी की।

भारत में इस विशाल उत्सव में, आर्ट ऑफ लिविंग ने योग शिक्षा को हर वर्ग के लोगों तक उपहार के रुप में प्रदान करने के लिये एक महीने का ड्राइव चलाया। योगदान नामक इस ड्राइव में बेसिक योग और आसन पूरे विश्व को सीखाये गये और इसके लिये ५०० कैंप्स लगाये गये। योग दिवस की पूर्व तैयारी के रुप में एक अभियान ‘‘सन नेवर सेट्स ऑन योगा‘‘ को हजारों लोगों ने ८५ देशों के १५५ विभिन्न स्थानों पर देखकर १८ जून को सूर्योदय के साथ सूर्य नमस्कार किया। १५ मिनट्स से भी कम समय में १०८ सूर्य नमस्कार करके आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर और इंजीनियर वी. जयकुमार ने विश्व कीर्तिमान बनाया।

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