प्रधानमंत्री मोदी जी ने नई दिल्ली में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारम्भ किया | Prime Minister Modi Kicks Off the World Culture Festival in New Delhi
संस्कृति और समारोह | Published: | 1 min read
इस महत्वपूर्ण अवसर पर सबको सम्बोधित करते हुए , गुरुदेव ने कहा, “हमने भारत में हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में होने का सपना देखा है। आज वह सपना साकार होता दिख रहा है - "वसुधैव कुटुम्बकम" - हम सब एक हैं। अर्जेंटीना, मंगोलिया, नेपाल आदि देशों से दूर-दूर से लोग आए हैं और मैं यहां आप सभी का स्वागत करता हूं, और मैं कहूंगा कि आप सभी अपने घर आए हैं। यह आप सभी के लिए एक आध्यात्मिक घर है। ”
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मार्च ११, २०१६
नई दिल्ली, भारत
पुरे विश्व का एक साथ परिवार के तरह सम्मिलित होना अपने आप में एक चमत्कारिक दृश्य था। गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के साथ छह लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति में आर्ट ऑफ़ लिविंग का विश्व सांस्कृतिक महोत्सव (WCF) का भव्य शुभारम्भ नई दिल्ली में हुआ। इस महोत्सव में ८५०० उत्तम संगीतज्ञ, १००० भव्य कत्थक नृत्यांगनाओं का समूह, शांति के प्राचीन मंत्रोच्चारण, हज़ारों पदाधिकारी और मानवता का विशाल जन समुदाय सम्मिलित हुआ…..
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भव्य समारोह का उद्घाटन एक शानदार संबोधन के साथ किया: “मैं गुरुदेव की सेवा के इस मिशन को ३५ वर्षों से १५० से अधिक देशों में पूरा करने के लिए बधाई देता हूं। भारत इतना विविधतापूर्ण है और यहाँ विश्व को योगदान देने के लिए बहुत कुछ है। आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से दुनिया को भारत के बारे में पता चला है। मुझे मंगोलिया में आर्ट ऑफ लिविंग परिवार द्वारा किया गया स्वागत याद है। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव, कला और संस्कृति के कुंभ मेले की तरह है। ”
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव मानवता, आध्यात्मिकता और मानव मूल्यों के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग की ३५ वर्षों की सेवा का उत्सव है। यह महोत्सव सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है और लोगों की शक्ति को एक साझा मंच पर लाकर विविधता का जश्न मनाता है। यह सही मायने में नृत्य की जीवंतता और संगीत की शांति के साथ उत्सव था।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर सबको सम्बोधित करते हुए , गुरुदेव ने कहा, “हमने भारत में हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में होने का सपना देखा है। आज वह सपना साकार होता दिख रहा है – “वसुधैव कुटुम्बकम” – हम सब एक हैं। अर्जेंटीना, मंगोलिया, नेपाल आदि देशों से दूर-दूर से लोग आए हैं और मैं यहां आप सभी का स्वागत करता हूं, और मैं कहूंगा कि आप सभी अपने घर आए हैं। यह आप सभी के लिए एक आध्यात्मिक घर है। ”
उन्होंने साथ में कहा “जब समुदायों, राष्ट्रों के बीच, विचारधाराओं के बीच इतना अंतर है, उस वक्त आज हम पूरे विश्व को एकता का एक मजबूत संदेश दे रहे हैं, और इसकी बहुत आवश्यकता है। ”
यह शानदार आयोजन विश्व में विविधता के सबसे बड़े उत्सव के अपने वादे पर खरा उतरा, जिसमें दुनिया भर की बेहतरीन प्रतिभाओं ने शानदार प्रदर्शन किया।
उत्सव का आरम्भ नादस्वरम की लय पर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का मंच पर स्वागत के साथ शुरू हुआ। १००० विद्वानों ने प्राचीन शास्त्रों में उपलब्ध वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जो शांति का द्योतक और उत्सव का मूल है।
शाम का मुख्य आकर्षण द आर्ट ऑफ लिविंग ग्रैंड सिम्फनी (The Art of Living Grand Symphony) था, जहां ८५०० संगीतकारों ने अपने संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ शाम को भारत की मंत्रमुग्ध करने वाली विख्यात नृत्य परंपराओं की प्रस्तुति देखी गई, जिसमें पंडित बिरजू महाराज द्वारा निर्देशित १००० कत्थक कलाकारों की टुकड़ी भी शामिल हुई।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के अध्यक्ष, कमांडर सर्वोत्तम राव ने कहा, “अब हम विश्व के सबसे बड़े सम्मेलन, विश्व सांस्कृतिक महोत्सव (WCF) की मेज़बानी करते हुए आनंद हो रहा है, जहाँ कलाकार, आध्यात्मिक और धार्मिक नेता, राजनेता और शांतिदूत अपनी अच्छाई और खुशी की शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए एक साथ आए हैं। ”
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के पहले दिन ने ही बाकि के दो दिनों की लय तैयार कर दी। अगले दो दिनों के लिए प्रदर्शन और कार्यक्रमों की एक बड़ी सूची के साथ, विश्व सांस्कृतिक महोत्सव दिल्ली और दुनिया भर में लाखों लोगों की कल्पना को सजीव करने के लिए तैयार है।
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