आध्यात्मिकता और ज्ञान के माध्यम से प्रभावशाली महिला नेतृत्वकर्ताओं को सक्षम बनाना | Enabling Influential Women Leaders Through Spirituality And Wisdom
संस्कृति और समारोह | Published: | 1 min read
60 देशों से पधारी महिलाएं जिनमें 250 प्रतिनिधियां, 100 ग्रामीण महिलाएं, 30 से अधिक कॉलेजों की 60 छात्राएं शामिल हैं, के साथ सम्मेलन में एक खुला चर्चा सत्र भी रखा गया था जिसमें नेतृत्व करने वाली या प्रभावशाली महिलाओं द्वारा झेली जाने वाली जटिल समस्याओं के विषय में एवं साथ ही उनकी प्रोफेशनल (पेशेवर) एवं व्यक्तिगत यात्रा में आध्यात्मिकता कैसे कारगर सिद्ध हो सकती है, विषय पर चर्चा की गई।
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25 फरवरी, 2018
बेंगलुरु, भारत
आर्ट ऑफ लिविंग के अतर्राष्ट्रीय केंद्र के शानदार विशालाक्षी मंटप में आयोजित 8वें अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन (IWC) में भारतीय अभिनेत्री मधु (रोज़ा फिल्म), प्रसिद्ध लेखक अमीष त्रिपाठी और बहुपक्षवाद पर स्वतंत्र आयोग की शोधकर्ता एनेट क्रिस्टीन रिंगनेस जैसे वक्ताओं ने एक मंच पर आ कर नारीत्व को आध्यात्मिकता, नेतृत्व क्षमता और आगे बढ़ने की भावना के साथ जोड़ते हुए अपने अनुभव साझा किए।
सम्मेलन के प्रमुख परिणामों में से एक IWC प्रतिनिधिमंडल द्वारा #bringbackourgirls और #yazidigirlsmatter शीर्षक से शुरू किया गया हस्ताक्षर अभियान है, जो ISIS द्वारा बंदी बनाई गई यज़ीदी महिलाओं के लंबे समय के संघर्षों पर लोगों का ध्यान खींचने और उन्हें समर्थन देने के लिए है
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर ने कहा, “हमारे जीवन पर महिलाएं ही सबसे ज्यादा प्रभाव डालती हैं-वह बच्चों, अपने जीवनसाथी, माता-पिता और समाज को प्रभावित करती हैं। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां महिलाएं नेतृत्व कर सकती हैं। इंतज़ार न करें कि कोई आपको आमंत्रित करे, बस आप नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ जाएं। शांत व्यक्ति ही केवल शांतिपूर्ण परिवार बना सकते हैं और शांतिपूर्ण परिवार ही शांतिपूर्ण समुदाय का निर्माण करते हैं। और यदि हमारे समुदाय शांतिपूर्ण हैं, केवल तभी राष्ट्र शांतिपूर्ण बन सकता है।”
तीन दिवसीय इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण प्रेरणा, साहस और प्रभाव से भरी वे कहानियाँ थीं, जिनमें से कुछ ने श्रोताओं के आंखों को नम कर दिया जैसे कि कुछ यजीदी महिलाओं द्वारा यह साझा करना कि ISIS के बंधन से मुक्त होना उनके लिए क्या मायने रखता है एवं उनके द्वारा झेले गए हृदयविदारक कष्ट से बाहर निकलने में आध्यात्मिकता की शक्ति ने उनकी मदद कैसे की। या ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने वाली चेतना गाला सिन्हा जो कि देशी बैंक की संस्थापक या मान हैं, की कहानी जिन्हें बैंकों ने नकार दिया था, बाद में उसी महिला ने आगे बढ़ कर इसे संभव बनाया और एक सहकारी बैंक की स्थापना की। या फिर धातु कठपुतली रंगमंच की निदेशक अनुपमा होस्केरे की कहानी जिन्होंने एक महिला होने के नाते कठपुतली की कला न सीखने और उसमें आगे न बढ़ने देने की कुप्रथा को तोड़ कर इतिहास रचा। ऐसी ही कुछ कहानियां सम्मेलन में साझा की गईं।
IWC के उद्घाटन सत्र के दौरान अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन की अध्यक्ष भानुमति नरसिम्हन ने कहा, “समस्याएँ और चुनौतियाँ हमेशा बनी रहती हैं, लेकिन जब हमारा मन ठीक रहता है तो हम समाधान ढूँढने के लिए साथ मिल सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। अक्सर हम अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए किसी और व्यक्ति या किसी हीरो आदि को ढूँढते हैं। परंतु दूसरी ओर गुरुदेव ने हम सभी को स्वयं परिवर्तन या बदलाव बनने के लिए और नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया है।”
अभिनेत्री मधु ने प्रतिष्ठित कलाकार श्रीदेवी जिनकी असामयिक मृत्यु बीति रात हो गई थी, के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि “हमारी बिरादरी से एक व्यक्ति चला गया है, मैंने आज एक प्रिय मित्र भी खो दिया है। मुझे लगा था कि शायद मैं आज यहां नहीं आ पाऊँगी। मैं यहां आई क्योंकि मैंने एक बात जानी है कि ‘कुछ रुकता नहीं है।‘ जब मैं यहाँ आई तो मुझे वह प्रेम वापस मिल गया जो सुबह मुझसे छिन गया था, मेरे लिए यही आध्यात्मिकता है।”
60 देशों से पधारी महिलाएं जिनमें 250 प्रतिनिधियां, 100 ग्रामीण महिलाएं, 30 से अधिक कॉलेजों की 60 छात्राएं शामिल हैं, के साथ सम्मेलन में एक खुला चर्चा सत्र भी रखा गया था जिसमें नेतृत्व करने वाली या प्रभावशाली महिलाओं द्वारा झेली जाने वाली जटिल समस्याओं के विषय में एवं साथ ही उनकी प्रोफेशनल एवं व्यक्तिगत यात्रा में आध्यात्मिकता कैसे कारगर सिद्ध हो सकती है, विषय पर चर्चा की गई।
संवादों के अलावा सम्मेलन में सांस्कृतिक उत्सव का भी आयोजन था। केवल तीन दिनों की तैयारी में देशभर के आर्ट ऑफ लिविंग स्कूलों के 1000 छात्रों ने एक शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी। सम्मेलन के दूसरे दिन, सेलिब्रिटी स्टाइलिस्ट, अमी पटेल, जिन्होंने बॉलीवुड के फैशन ट्रेंड को प्रभावित किया है, ने इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के लिए एक अनोखे एवं विशेष फैशन शो का आयोजन किया। गिफ्ट ए स्माइल प्रोजेक्ट जो भारत के 20 राज्यों में 58,904 छात्रों को नि:शुल्क एवं समग्र शिक्षा प्रदान करता है एवं जिनमें से 90% छात्र पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं, के लिए योगदान देने हेतु वे अपने साथ कुछ प्रमुख फैशन लेबल भी ले कर आई थीं।
इस वर्ष, IWC का मुख्य उद्देश्य भारत में खुले में शौच मुक्त जिले बनाना होगा। पहले चरण में, संगठन ने 7 राज्यों के 12 ग्राम पंचायतों में शौचालयों के प्रयोग के बारे में संवेदनशीलता और जागरूकता की दिशा में काम किया है। जबकि दूसरे चरण में 4000 शौचालय बनाए जाएंगे।
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