विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के समापन पर गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने विश्वास, सह-अस्तित्व और प्रसन्नता के संदेश को दोहराया। | Gurudev Sri Sri Ravi Shankar reiterates the message of faith, co-existence and happiness as World Culture Festival draws to a close
संस्कृति और समारोह | Published: | 1 min read
आज विश्व सांस्कृतिक महोत्सव और विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकीकरण के अवसर पर १२ लाख से अधिक लोगों ने एक स्वर में "वंदे मातरम" का गान किया। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव मानवता की आत्मा, समूह में काम करने की भावना तथा विश्व की विभिन्न विविध संस्कृति के नागरिकों को एक सूत्र में बांधने हेतु संगीत व संस्कृति का गीत था। जिसमें ‘संपूर्ण विश्व एक परिवार’- ‘वसुदैव कुटुंबकम’ का सूत्र समस्त विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
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नई दिल्ली, भारत
मार्च १३, २०१६
आज विश्व सांस्कृतिक महोत्सव और विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकीकरण के अवसर पर १२ लाख से अधिक लोगों ने एक स्वर में “वंदे मातरम” का गान किया। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव मानवता की आत्मा, समूह में काम करने की भावना तथा विश्व की विभिन्न विविध संस्कृति के नागरिकों को एक सूत्र में बांधने हेतु संगीत व संस्कृति का गीत था। जिसमें ‘संपूर्ण विश्व एक परिवार’- ‘वसुदैव कुटुंबकम’ का सूत्र समस्त विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
गुरुदेव ने उन सब का धन्यवाद किया जो इस उत्सव में आए और इस उत्सव को जबरदस्त सफलता दिलवाई। उन्होंने कहा “आप सब, जो कि पास या दूर के स्थानों से यहां आए हैं, अलग-अलग धर्मो, राष्ट्रीयताओं से यहाँ आये हे, हृदय से मैं धन्यवाद देता हूँ। यह आपका विश्वास, प्रेम और करुणा है, जिससे आर्ट ऑफ लिविंग के टीम, सबसे विशाल और प्रसन्न पारिवारिक मिलन को प्रस्तुत कर सके – विश्व सांस्कृतिक महोत्सव। यहां महान धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं, राजनेताओं, शांति दूतों और कलाकारों के संगम को देखकर मैं बहुत हर्षित हूँ, जो इस संगीत और नृत्य के उत्सव में हमारे साथ सम्मिलित हुए हैं। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के अंतिम दिन में आप सबके लिए मेरा एक छोटा सा संदेश है – हमेशा यह याद रखें कि हम विश्व मानव हैं, हम पहले विश्व नागरिक हैं, एक साथ मिलकर, हम एक विश्व परिवार हैं और हमें एक साथ मिलकर शांति, सद्भावना और मानवीय मूल्यों के संदेश को सब जगह फैलाना है”।
पिछले तीन दिनों में विश्व सांस्कृतिक महौत्सव में विश्वास, शांति, सह-अस्तित्व और सहयोग पर अर्थपूर्ण प्रवचनों की मेजबानी हुई है। कैसे हम समाज के सभी वर्गों में प्रसन्नता पूर्वक सह अस्तित्व को ला सकते हैं इसपर राजनीति, उद्योग, अध्यात्मिक और अन्य विचारों के नेताओं ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा की है।
इस महान पथप्रवर्तक उत्सव के समापन दिवस पर- भारत के वित्त मंत्री: माननीय श्री अरुण जेटली, भारत; दिल्ली के मुख्यमंत्री: अरविंद केजरीवाल, भारत; आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री: माननीय चंद्रबाबू नायडू, भारत; संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री: माननीय रविशंकर प्रसाद; भारत के भूतपूर्व उप प्रधान मंत्री: माननीय लालकृष्ण आडवाणी; तथा शहरी विकास मंत्री: माननीय वैंकेया नायडू; भारतीय लोकसभा के स्पीकर: माननीय श्रीमती सुमित्रा महाजन तथा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष: माननीय अमित शाह उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों में, बाकी अन्य कई गणमान्य मेहमानों के साथ, माननीय श्री बिरेनसिकदर: युवा एवं खेल राज्य मंत्री, रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश सरकार; न्यायमंत्री: कारला बाकीगलूपा, पैराग्वे; नाइजीरिया के भूतपूर्व राष्ट्रपति आदि उपस्थित थे।
इस दिन का मुख्य आकर्षण था ‘कॉस्मिक रिदम’, जिसमें ४६०० कलाकारों ने भाग लिया था और ३० प्रकार की नृत्य शैलियां प्रस्तुत की थी, इसके साथ ही १००० गायकों ने आत्म विभोर करने वाला रविंद्र संगीत प्रस्तुत किया।
भारत के सांस्कृतिक रंगों को दिखाते हुए लोक नृत्य- जिसमें आसाम का (बिहू), राजस्थान का (घूमर) और आंध्र प्रदेश का (कुचिपुड़ी) आदि थे। अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियों में अग्रणी सूफी नर्तकों ने सर्वोच्च सत्ता के साथ एकाकार होने की इच्छा को नृत्य द्वारा प्रस्तुत किया तथा अर्जेंटीना के कलाकारों ने टैंगो नृत्य प्रस्तुत किया। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव ने विचार, संस्कृति, कला तथा भाषाओं की विविधताओं के बाद भी, सुंदर ढंग से मनुष्य की शांति, एकता तथा प्रसन्नता की मनोकामना को अधोरेखित किया।
कलाकार तीसरे दिन पर प्रदर्शन के लिए अपनी पंक्ति में तैयार है।
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