लॉकडाउन में ईस्टर संडे का आयोजन | Celebrating Easter Sunday in lockdown

संस्कृति और समारोह | Published: | 1 min read


लॉकडाउन में ईस्टर संडे का आयोजन | Celebrating Easter Sunday in lockdown  

ईस्टर पुनरोज्‍जीवन का प्रतीक है, जीवन में पुन: लौटना। यह संसार भी पुन: अपनी उसी गरिमा में लौटने की प्रतीक्षा कर रहा है।

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12 अप्रैल, 2020
बेंगलुरु, भारत

इस ईस्टर संडे (रविवार) की सभी को शुभकामनाएं। यह एक दुर्लभ ईस्टर संडे है, जिसे संसार लॉकडाउन में मना रहा है।

ईस्टर पुनरोज्‍जीवन का प्रतीक है, जीवन में पुन: लौटना। यह संसार भी पुन: अपनी उसी गरिमा में लौटने की प्रतीक्षा कर रहा है। हमें डॉक्टरों, नर्सों, स्वच्छता कर्मचारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पुलिस बलों और राशन तथा अन्‍य खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने वाले लोगों, विद्युतकर्मियों एवं जलनिगम के कर्मचारियों के बारे में सोचना होगा। हमें उन्हें धन्यवाद देने की जरूरत है, जिनके कारण हम आज जीवित हैं। वे प्रेम, करुणा और सेवा, जिसके जीसस प्रतीक हैं, की वास्‍तविक अभिव्‍यक्ति हैं।

आइए, इस ईस्टर संडे को उन्हें याद कर, हम उनका सम्मान करें। आइए, हम उन मूल्यों को पुनर्जीवित करें, जिसके लिए यीशु जाने जाते थे। इस वर्ष, हम अकेले या अपने परिवार के साथ, अपने घर में रहते हुए इस भावना के साथ ईस्‍टर मनाएंगे जैसे कि हम इसे समस्‍त संसार के साथ मना रहे हों। मैं कामना करता हूँ कि जल्द ही यह आपदा समाप्त हो और हम आर्थिक और सामाजिक रूप से इस संसार का पुनर्निर्माण कर एक और भी मानवीय एवं प्रसन्‍नचित्‍त संसार का निर्माण करने में सक्षम हों।

आइए, हम पुन: अपने फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए प्रार्थना कर कृतज्ञ हो जाएं, जो इस संकट काल से निकलने में हमारी मदद कर रहे हैं।
हैप्पी ईस्टर संडे।

हैप्पी ईस्टर संडे।

भाषांतरित ट्वीट –

ईस्टर पुनरोज्‍जीवन का प्रतीक है, जीवन में पुन: लौटना। आज संसार इस परिस्थिति से बाहर आ कर पुन: अपनी उसी गरिमा में लौटने की प्रतीक्षा कर रहा है। आइए इस ईस्टर संडे को हम उन्‍हीं मूल्‍यों को वापस लाएं, जिनके लिए यीशु जाने जाते थे।


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