विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का दूसरा दिन इस आशा के साथ मनाया गया कि मत और विश्वासों में भेद के बावजूद दुनिया एक साथ आ कर शांति के लिए कार्य कर सकती है। भारत के धर्मनिरपेक्ष और एकजुट प्रकृति का साक्षी बना विश्व सांस्कृतिक महोत्सव, सद्भाव के संदेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मतावलम्बियों एवं आध्यात्मिक गुरुओं के एक साथ आ कर मंच साझा करने का भी साक्षी बना।
Eminent leaders from across the world discuss the paradigms of leadership
इस महत्वपूर्ण अवसर पर सबको सम्बोधित करते हुए , गुरुदेव ने कहा, “हमने भारत में हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में होने का सपना देखा है। आज वह सपना साकार होता दिख रहा है – “वसुधैव कुटुम्बकम” – हम सब एक हैं। अर्जेंटीना, मंगोलिया, नेपाल आदि देशों से दूर-दूर से लोग आए हैं और मैं यहां आप सभी का स्वागत करता हूं, और मैं कहूंगा कि आप सभी अपने घर आए हैं। यह आप सभी के लिए एक आध्यात्मिक घर है। ”
Thousands of international delegates from 80 countries were part of the Maha Shivaratri celebrations at The Art of Living International Center.
Over 475 young aspiring entrepreneurs part of what is touted to be the world’s largest train journey, the Jagriti Yatra, visited the Art of Living campus in the city today.