आध्यात्मिकता और ज्ञान के माध्यम से प्रभावशाली महिला नेतृत्‍वकर्ताओं को सक्षम बनाना | Enabling Influential Women Leaders Through Spirituality And Wisdom

फरवरी 28, 2018

60 देशों से पधारी महिलाएं जिनमें 250 प्रतिनिधियां, 100 ग्रामीण महिलाएं, 30 से अधिक कॉलेजों की 60 छात्राएं शामिल हैं, के साथ सम्मेलन में एक खुला चर्चा सत्र भी रखा गया था जिसमें नेतृत्‍व करने वाली या प्रभावशाली महिलाओं द्वारा झेली जाने वाली जटिल समस्‍याओं के विषय में एवं साथ ही उनकी प्रोफेशनल (पेशेवर) एवं व्‍यक्तिगत यात्रा में आध्‍यात्मिकता कैसे कारगर सिद्ध हो सकती है, विषय पर चर्चा की गई।

मन्त्रों से गूँज उठा महाशिवरात्रि का समारोह | Ancient Chants Fill Up the Air at Mahashivratri Celebrations

फरवरी 14, 2018

६ महाद्वीप एवं ७५ देशों से लगभग एक लाख लोग गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के साथ महाशिवरात्रि समारोह में शामिल हुए।
फ़रवरी १८, २०१८, भारत – महाशिवरात्रि

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने दावणगेरे के २० विश्वविद्यालयों के हजारों युवाओं को संबोधित किया | Gurudev Sri Sri Ravi Shankar Addresses Thousands of Youths from 20 Colleges in Davangere

जनवरी 14, 2018

श्री श्री ने कर्नाटक के उत्तरी जिलों के अपने दौरे के दौरान किसानों, प्रोफेसरों, छात्रों और अभिभावकों के साथ बातचीत की। उन्होंने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में वेदावती नदी पुनर्जीवन स्थल का भी दौरा किया।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने कश्मीर संघर्ष के लिए सुलह की मेजबानी की | Gurudev Sri Sri Ravi Shankar Hosts Reconciliation Meet for Kashmir Conflict

नवंबर 11, 2017

श्री श्री ने कश्मीर को दिया पैगाम-ए-मोहब्बत का संदेश : इस कार्यक्रम में मारे गए आतंकवादियों के परिवार, क्रॉस फायरिंग से प्रभावित परिवार और पूरे भारत से सेना के शहीदों के परिवार के साथ उपस्थित थे। २०० प्रभावित परिवारों के प्रतिनिधि, जो सुदूर कश्मीर से यात्रा कर बैंगलुरू इस कार्यक्रम हेतु पहुँचे थे उनमें ६० महिलाएँ भी थी।

विविधता में शक्ति: पूर्वोत्तर स्थानीय जन सम्मलेन | Strength in Diversity: North East Indigenous People’s Conference

सितंबर 7, 2017

सम्मलेन के पूरे दिन के विचार विमर्श गुवाहाटी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुए, जो कि आर्ट ऑफ़ लिविंग के प्रतिनिधियों एवं अन्य सम्मलेन सहभागियों, जैसे कि संयोजक मंडल, एवं पूर्वोत्तर राज्य के भाषायी, आदिवासी एवं विद्रोही समूहों के बीच था। सभी ने क्षेत्र के स्थानीय एवं संजातीय समूहों को साथ लाने के लिए, तथा पूर्वोत्तर में शांति, समृद्धि एवं ख़ुशी लाने के लक्ष्य के लिए संकल्प लिया।